प्याज की खेती: रोपाई से लेकर फसल कटाई तक की समस्त जानकारी (Onion Farming: All you need to know from planting to harvesting)
प्याज हर भारतीय रसोई सलाद ,अचार, सूप एवं सब्ज़ी के रूप में प्रयोग होता है। प्याज एक नक़दी फ़सल हैं जो मुख्यत सर्दियों में उगायी जाती है। इसमें कुछ मात्रा में प्रोटीन और विटामिन पाए जाते हैं। प्याज में औषधीय गुण भी पाये जाती है।
प्याज की खेती : तैयार कैसे करें(Onion cultivation: how to prepare)
प्याज की खेती के लिए प्रयोग होने वाली भूमि लवणीय नहीं होनी चाहिए। अच्छी जल निकासीए नमी धारण क्षमता और कार्बनिक पदार्थ से भरपूर दोमट से चिकनी मिट्टी आदर्श मानी जाती है। प्याज की खेती के लिए मृदा का आदर्श पीएच मान 6 दृ 7 होना चाहिए । लवणीय मिट्टी के अलवा लगभग सभी मिट्टी इसके लिए उपयुक्त मानी जाती है। भारत मे इसकी खेती मुख्यतः मध्यप्रदेष, राजस्थान , महाराष्ट व उतरप्रदेष मे कि जाती है। भारत मे मध्यप्रदेष उत्पादन क्षमता मे प्रथम स्थान पर है।
प्याज की खेती : बुवाई
अगेती प्याज़ की फसल बुवाई का उपयुक्त समय मध्य अक्टूबर से नवंबर होता है।
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प्याज की खेती : प्याज की बुआई के प्रकार
- सीधे बीज डालकररू यह विधि बलुआ मिट्टी में उपयोग करते हैं। इसमें मिट्टी को अच्छे से तैयार कर बीज खेत में छोड़ देते हैं। इस विधि में बीज की मात्रा 6.8 किलो प्रति हेंण् लगाते हैं।
- गांठों से प्याज लगानारू छोटे प्याज की गांठों को अप्रैल.मई में लगायी जाता है। प्याज की 12.14 क्विंटल प्रति हेंण् गाँठ लगते हैं।
- बीज से पौध तैयार कर खेत में लगानारू यह सबसे प्रचलित विधि है जिसके द्वारा प्याज की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
प्याज की खेती : प्रमुख किस्में
नासिक लाल प्याज (एन-53), गुलमोहर प्याज, जेएससी नासिक लाल प्याज (एन-53), रॉयल सेलेक्शन प्याज, लक्ष्मी प्याज के बीज डायमंड सुपर प्रेमा ,178 प्याज, गुलमोहर प्याज इत्यादि को लगाकर अच्छा उत्पादन ले सकते हैं।
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प्याज की खेती : उर्वरक
प्याज की फसल को अधिक मात्रा में पोषक तत्वो की आवश्यकता होती है गोबर की सड़ी खाद 20.25 टन हैक्टैयर रोपाई से एक.दो माह पूर्व खेत में डालना चाहिए। नाइट्रोजन 100 किलोग्राम प्रति हैक्टैयर, सल्फर 50 किलोग्राम प्रति हैक्टैयर तथा पोटाश 50 किलोग्राम प्रति हैक्टैयर देने की अनुसंशा की जाती हैं। इसके अतिरिक्त जिंक 5 किलोग्राम प्रति हैक्टैयर प्याज की गुणवत्ता सुधारने के लिए आवश्यक होते हैं
प्याज की खेती : खरपतवार नियंत्रण
खरपतवार नियंत्रण के लिए आप प्राकृतिक विधि का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन पौधों की खुदाई करते समय कंदों की जड़ों पर खास ध्यान रखना होता है। गुड़ाई के बाद पौधों की चरणों पर मिट्टी चढ़ा दी जाती है। इससे पौधों की अधिकतम 5 से 7 गुड़ाई की जरूरत होती है इसके अतिरिक्त खरपतवार अधिक होने पर पेडी मैथिली का भी छिड़काव खेत में किया जाता है।
प्याज की खेती : फसल कटाई
फसल की कटाई का समय इस बात पर निर्भर करता है कि फसल को किस उद्देश्य से उगाया गया है। सूखे प्याज के लिए कटाई 5- 6 महीने में की जा सकती है, जब कि हरे प्याज के लिए कटाई 3-3.5 महीने में कटाई की जा सकती है।
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