सर्दियो मे किसान पशुओं को खिलाए यह खास चारा, बंपर होगा दूध का उत्पादन, जानिए खेती करने का तरीका नेपीयर धास

सर्दियो मे किसान पशुओं को खिलाए यह खास चारा, बंपर होगा दूध का उत्पादन, जानिए खेती करने का तरीका
नेपीयर धास In winter, farmers feed this special fodder to animals, there will be a bumper production of milk, learn the method of farming.

पशुओं के दूध उत्पादन के लिए जरूरी है, अच्छा खान पान। जी हां दोस्तो आज हम नेपीयर धास के बारे मे जानते है क्यू इसे पोष्टिक धास कहा जाता है। नेपीयर धास मूल रूप से थाईलैंड मे उगने वाली धास है। इस धास का आकार बड़ा होने के कारण इसे हाथी धास भी कहा जाता है। आज के इस लेख मे हम बताएगे कि ये किसानांे के लिए किस प्रकार फायदेंमद है।

नेपीयर धास
नेपीयर धास

बार-बार कटने के लिए हो जाता है तैयार

ये धास एक बार बोने के बाद 4 से 5 वर्ष तक इस का उपयोग ले सकते है। ये धास प्रत्येद 50 से 55 दिन के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसलिए किसान के लिए ये चारा आर्थिक रूप से फाॅयदेमद है।

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कब और कैसे करें इसकी खेती

नेपीयर कि बुआई गन्ने कि खेती कि तरह कि जाती है। नेपीयर धास लगाने का सबसे अच्छा समय मार्च का महीना होता है, लेकिन इसे जुलाई-अगस्त मे भी लगा सकते है। अधिक गर्मी व अधिक सर्दी इसे नुकसान पहुचाती है। ये एक सदाबार चारा है। अतः इसे बारहमासी धास भी कहा जाता है।

नेपीयर धास लगाने के फायदे अनेक

नेपीयर धास बारहमासी होती है, अतः किसान इस हरे चारे को धर के पशुओ के लिए या फिर अन्य जगह चारे को बेच कर मुनाफा कमा सकता है। हरे चारे कि मांग दिनादिन बढती जा रही है।इस कारण किसान को इसका अच्छा पैसा मिल जाता है। सामान्य ये हरा चारा 4 से 5 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिकता है।
ये धास पोष्टिक होती है, अतः पशुओ को स्वस्थ रखने के साथ-साथ दूध उत्पादन मे वु़िद्व के लिए भी कारगार है।
उम्मीद है, ये लेख आपके लिए फायेंदमद होगा किसी भी प्रकार कि जानकारी के लिए हमसे संपर्क कर सकते है।

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