MSME 2025 उद्यमियों के लिए बड़ी सौग़ात ” क्रेडिट कार्ड  की लिमिट 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ “

MSME 2025 उद्यमियों के लिए बड़ी सौग़ात ” क्रेडिट कार्ड  की लिमिट 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ “

वित् मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा रहा 1 फ़रवरी 2025 को संसद में बजट 2025-26 को पेश किया गया ।इस बजट 2025-26 में देशवासियों के लिए कई सौगातें दी ।सरकार द्वारा MSME में क्रेडिट कार्ड  की लिमिट 5 करोड़ से बढ़ाकर 10 करोड़ कर दिया और सूक्ष्म उद्योगों के लिए 5 लाख तक की क्रेडिट लिमिट वाला कार्ड जारी किया गया।

MSME 2025 उद्यमियों के लिए बड़ी सौग़ात
MSME 2025 उद्यमियों के लिए बड़ी सौग़ात

भारत सरकार ने थोक व खुदरा व्यापारियों को एमएसएमई (माइक्रो, स्माल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) के दायरे में लाने का ऐलान किया था. थोक व खुदरा व्यापारियों को कारोबार के लिए लोन लेने में आसानी होगी. इसके लिए उन्हें सेल्फ-डिक्लेरेशन और कॉस्ट-फ्री प्लेटफॉर्म Udyam पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. यह पोर्टल इनकम टैक्स और जीएसटीआईएन सिस्टम से मिला हुआ है जिससे आधार नंबर/पैन भरने पर यह अपने आप इनकम टैक्स और जीएसटी से जुड़ी हुई डिटेल्स ले लेता है |

उद्यम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया निम्न प्रकार है:-

प्रथम चरण 
◦सर्वप्रथम उद्यम पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट http://msme.gov.in  पर जाए ।
◦यहाँ पर क्विक लिंक पर क्लिक करें ।
◦इसके बाद उद्यम रजिस्ट्रेशन पर क्लिक करें ।
◦इसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म खुलेगा जिसमें आपको सामान्य जानकारी भरनी होती हैं । उद्यमी का आधार कार्ड नंबर और नाम भरना होता हैं ।
◦आधार कार्ड से लिंक मोबाईल नम्बर पर ओटीपी आएगा जिससे आपको अपना आधार कार्ड वेरिफ़ाई करना है
◦अगले चरण में आपके सामने पैन कार्ड वेरिफ़ाई करना अनिवार्य है ।
◦पैन कार्ड वेरिफिकेशन के बाद आईटीआर की जानकारी भरनी होती हैं ।
◦अगले चरण में “ Udhyam registration for” पेज खुलेगा जिसमें आपको चाही गई जानकारी यथा नाम, ईमेल,पता, बैंक अकाउंट नंबर,उद्यम लोकेशन और कितना स्टाफ है कि जानकारी भरनी होगी ।
◦Submit करने पर आपके मोबाईल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसे भर कर फाइनल सबमिट करें ।
◦अब आपको एक उद्यम रजिस्ट्रेशन सर्टिफ़िकेट आपके ईमेल पर प्राप्त होगा ।

ये भी जानेः-

उद्यम पंजीकरण के लाभ

उद्यम प्रमाणपत्र के कुछ लाभ यहां दिए गए हैं:
1. उधारकर्ताओं को बैंकों से बिना कोई सिक्योरिटी के ऋण मिलता है
।
2. लाइसेंसिंग, अनुमोदन और पंजीकरण सुलभ हैं।

3. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
4. सरकार बिजली बिल समेत विभिन्न बिलों पर रियायतें देती है।

5. उद्यम के साथ पंजीकृत संगठन क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी योजना के लिए पात्र हो जाते हैं।

6. आईएसओ प्रमाणन शुल्क की प्रतिपूर्ति।

7. सब्सिडी और कम ब्याज दरों वाले बैंक ऋण
।
8. उत्पादन/विनिर्माण क्षेत्रों में विशेष आरक्षण नीतियां हैं।

9. Direct tax कानून छूट का नियम।

10. एनएसआईसी प्रदर्शन शुल्क और क्रेडिट रेटिंग पर सब्सिडी
।
11. पेटेंट पंजीकरण सब्सिडी।

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