How to protect crops from damage in winter सर्दियों में फसलों को नुकसान से कैसे बचाएं

सर्दियो मे फसलो को नुकसान से कैसे बचाये:-

How to protect crops from damage in winter

सर्दियो मे फसलो को नुकसान से कैसे बचाये
सर्दियो मे फसलो को नुकसान से कैसे बचाये

फसलो को पाले व शीतलहर से बचाने के उपाय

उत्तर भारत की सर्दियों के मौसम की मुख्य फसल गेहूं एवं सरसों है ।सर्दियों का मौसम इन दोनों फसलो के लिए काफ़ी चुनौतीपूर्ण होता है शीतलहर व पाला इन दोनों फ़सलों को काफ़ी ज़्यादा प्रभावित करता है ।मुख्य रुप से उत्तर पश्चिम से बहने वाली सर्द हवाएँ व अचानक तापमान में गिरावट इन फसलों को ज़्यादा नुक़सान पहुँचाता है अधिक ठंड के कारण पौधों की पत्तियां ,फूल और फल प्रभावित होते हैं ।

पत्तियाँ व फूल झुलस जाते हैं बालियों मे दाने बनने बंद हो जाते हैं ।फसलों की पैदावार एक कम हो जाती है वह किसानों को आर्थिक रुप से बहुत नुक़सान उठाना पड़ता है । पाला पड़ने व शीत लहर से पहले ही इससे बचने की तैयारी कर किसान भाई अपनी फसल को पाले से बचा सकता है ।वह फसलों की पैदावार को भी कम होने से बचा सकता है ।जिससे बहुत ज़्यादा आर्थिक लाभ होगा ।कुछ सामान्य उपाय हैं जिनसे फ़सलो को पाले से नुक़सान होने से बचाया जा सकता हैं ।

How to protect crops from damage in winter

हल्की सिंचाई

फसलों में हल्की सिंचाई करना एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। सिंचाई करने से जमीन का तापमान बढ़ता जिससे पाले के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है। यदि जमीन में नमी बनी रहने के कारण तापमान अचानक नहीं गिरता है और यह फसल को नुकसान नहीं पहुंचता है। सर्दी में हल्की सिंचाई करने से जमीन की ऊपरी सतह पर गर्मी बनी रहती है और पाला पड़ने के दौरान तापमान के गिरने का असर कम होता है। इसलिए किसान को शीतलहर के दिनों में हल्की सिंचाई करनी चाहिए, मुख्य रूप से उन फसलों में जिनकी फूल, फल या दाने अभी विकसित हो रहे होते हैं।

गंधक का छिड़काव

गंधक का छिड़काव फसलों के लिए फायदेमंद साबित होता है। खासकर सरसों और गेहूं जैसी फसलों के लिए पाले से बचाव के साथ-साथ यह पौधों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है। गंधक का छिड़काव फसल के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद करता हैं और पौधे के विकास को उत्तेजित करता है, जिससे फसल जल्दी पकती है।

पाले से बचाव के लिए गंधक का घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए। किसानों को सरसों की फसल को पाले से बचाव के लिए फसल पर 0.2 प्रतिशत डाइमिथाईल सल्फोक्साइड, 0.1 प्रतिशत थायो यूरिया सहित 0.1 प्रतिशत तनु गंधक के अम्ल का छिड़काव करना चाहिए ।इसका असर १५ दिन तक रहता है और यह फसल को ठंडे प्रभाव से बचाता है। यह उपाय पाले के प्रभाव को कम करने के लिए बहुत प्रभावी है।

रात के समय पाला पड़ने की संभावना ज़्यादा होती है, इसलिए खेतों के किनारे पर कूड़ा-कचरा या घास जलाकर धुआं करें. जिससे खेत का तापमान कम नहीं होगा ।

 

 

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