प्याज की खेती : रोपाई से लेकर फसल कटाई तक की समस्त जानकारी (Onion Farming: All you need to know from planting to harvesting)

प्याज की खेती

प्याज की खेती: रोपाई से लेकर फसल कटाई तक की समस्त जानकारी (Onion Farming: All you need to know from planting to harvesting) प्याज हर भारतीय रसोई सलाद ,अचार, सूप एवं सब्ज़ी के रूप में प्रयोग होता है। प्याज एक नक़दी फ़सल हैं जो मुख्यत सर्दियों में उगायी जाती है। इसमें कुछ मात्रा में प्रोटीन … Read more

भिंडी कि खेती करने की नई तकनीकी जाने Learn the new technique of cultivating okra

भिंडी की खेती 

भिंडी कि खेती करने की नई तकनीकी जाने Learn the new technique of cultivating okra

भिंडी भारतीय रसोई की एक प्रमुख सब्जी है जो पौष्टिक और खनिज तत्वों से भरी हुईं है भिंडी में विटामिन ए ,विटामिन सी ,पोटेशियम ,एंटी ऑक्सीडेंट और मैग्नीशियम पाया जाता है। भिंडी पाचन तंत्र के लिए बहुत ही लाभदायक सब्ज़ी है। भारत में भिंडी की खेती उत्तर प्रदेश ,महाराष्ट्र ,तमिलनाडु ,केरल पश्चिम बंगाल ,कर्नाटक और गुजरात में होती हैं ।
भिंडी की खेती 
भिंडी की खेती 

भिंडी की खेती का समय Okra cultivation time

अब भिन्डी की बुवाई साल में तीन बार होती है फ़रवरी-मार्च,जून-जुलाई और अक्टूबर-नवंबर में होती हैं ।

उपयुक्त समय एवं जलवायु Suitable Time & Climate

भिंडी की खेती के लिए गर्म एवं आर्द्र जलवायु अच्छी रहती हैंबीज उगने के लिये 27-30 डिग्री से०ग्रे० तापमान उपयुक्त होता है तथा 17 डिग्री से०ग्रे० से कम पर बीज अंकुरित नहीं होते। यह फसल ग्रीष्म तथा खरीफ, दोनों ही ऋतुओं में उगाई जाती है। भूमि का पी0 एच० मान 7.0 से 7.8 होना उपयुक्त रहता है। भूमि की दो-तीन बार जुताई कर भुरभुरी कर तथा पाटा चलाकर समतल कर लेना चाहिए ।
  • पूसा ए-4 – ये उन्नत किस्म एफिड और जैसिड जैसे कीटों का मुकाबला करने के साथ ही पीतरोग यैलो वेन मोजैकविषाणु रोधी भी है। इस किस्म को बोने के करीब 15 दिन बाद से ही फल आने लगते हैं।
  • परभनी क्रांति (Parbhani Kranti) – भिंडी वैरायटी परभणी क्रान्ति पीत-रोग का मुकाबला करने में सक्षम हैं। इसके बीज लगाने के करीब 50 दिन बाद फल आने शुरू होते हैं।
  • पंजाब-7 – भिंडी की यह उन्नत किस्म भी पीतरोग रोधी है। इस किस्म की भिंडी के पौधे बोने होते हैं और करीब 55 दिन बाद फल आने लगते हैं।
  • अर्का अभय – इस किस्म की भिंडी के पौधे 120-150 सेमी लंबे और एकदम सीधे होते हैं।

भिंडी कि खेती करने की नई तकनीकी जाने Learn the new technique of cultivating okra

  • अर्का अनामिका (Arka Anamika) – इसमें कई शाखाएं भी होती हैं। इस किस्म की भिंडी के फलों में रोए नहीं होते और वह मुलायम होती है। यह किस्म गर्मी और बरसात दोनों के लिए उपयुक्त है।
  • वर्षा उपहार–इसके पत्तों का रंग गहरा हरा होते है और मॉनसून में बुवाई के करीब 40 दिनों बाद फूल निकलने लगते हैं।
  • हिसार उन्नत – मॉनसून और गर्मी दोनों मौसम के लिए उपयुक्त इस किस्म की भिंडी के पौधे 90-120 सेमी. तक लंबे होते हैं इस किस्म की भिंडी 46-47 दिनों में तोड़ने के लिए तैयार हो जाती है।
  • वी.आर.ओ.-6 – इस किस्म में फूल जल्दी निकलते हैं। बुवाई के 38 दिन बाद ही फूल निकलने लगते हैं।
  • पूसा सावनी –  गर्मी और बरसात के लिए उपयुक्त
  • पूसा मखमली
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मशरूम की खेती से कमाये करोड़ों  Millions earned from mushroom farming.

mushroom ki kheti

मशरूम की खेती से कमाये करोड़ों Millions earned from mushroom farming आज भारत के  विभिन्न क्षेत्रों में किसान खेती के क्षेत्र में नवाचार कर के अच्छा मुनाफ़ा कमा रहे हैं अच्छा मुनाफ़ा देने वाली सब्ज़ियों में मशरूम का एक प्रमुख स्थान है मशरूम ऐसी सब्ज़ी की खेती है जिसमें कम निवेश हमें अच्छा मुनाफ़ा कमाया … Read more

सर्दियो मे किसान पशुओं को खिलाए यह खास चारा, बंपर होगा दूध का उत्पादन, जानिए खेती करने का तरीका नेपीयर धास

सर्दियो मे किसान पशुओं को खिलाए यह खास चारा, बंपर होगा दूध का उत्पादन, जानिए खेती करने का तरीका
नेपीयर धास In winter, farmers feed this special fodder to animals, there will be a bumper production of milk, learn the method of farming.

पशुओं के दूध उत्पादन के लिए जरूरी है, अच्छा खान पान। जी हां दोस्तो आज हम नेपीयर धास के बारे मे जानते है क्यू इसे पोष्टिक धास कहा जाता है। नेपीयर धास मूल रूप से थाईलैंड मे उगने वाली धास है। इस धास का आकार बड़ा होने के कारण इसे हाथी धास भी कहा जाता है। आज के इस लेख मे हम बताएगे कि ये किसानांे के लिए किस प्रकार फायदेंमद है।

नेपीयर धास
नेपीयर धास

बार-बार कटने के लिए हो जाता है तैयार

ये धास एक बार बोने के बाद 4 से 5 वर्ष तक इस का उपयोग ले सकते है। ये धास प्रत्येद 50 से 55 दिन के बाद कटाई के लिए तैयार हो जाती है। इसलिए किसान के लिए ये चारा आर्थिक रूप से फाॅयदेमद है।

तारबंदी योजना का लाभ लेने हेतु क्लिक करे

डिग्गी योजना हेतु आवेदन प्रकिया

कब और कैसे करें इसकी खेती

नेपीयर कि बुआई गन्ने कि खेती कि तरह कि जाती है। नेपीयर धास लगाने का सबसे अच्छा समय मार्च का महीना होता है, लेकिन इसे जुलाई-अगस्त मे भी लगा सकते है। अधिक गर्मी व अधिक सर्दी इसे नुकसान पहुचाती है। ये एक सदाबार चारा है। अतः इसे बारहमासी धास भी कहा जाता है।

नेपीयर धास लगाने के फायदे अनेक

नेपीयर धास बारहमासी होती है, अतः किसान इस हरे चारे को धर के पशुओ के लिए या फिर अन्य जगह चारे को बेच कर मुनाफा कमा सकता है। हरे चारे कि मांग दिनादिन बढती जा रही है।इस कारण किसान को इसका अच्छा पैसा मिल जाता है। सामान्य ये हरा चारा 4 से 5 रूपये प्रतिकिलो के हिसाब से बिकता है।
ये धास पोष्टिक होती है, अतः पशुओ को स्वस्थ रखने के साथ-साथ दूध उत्पादन मे वु़िद्व के लिए भी कारगार है।
उम्मीद है, ये लेख आपके लिए फायेंदमद होगा किसी भी प्रकार कि जानकारी के लिए हमसे संपर्क कर सकते है।

Rajasthan Sinchai Pipeline Yojana 2024 सिंचाई पाइप लाइन योजना 2024: अनुदान सब्सिडी आवेदन पत्र, पात्रता की जानकारी

हरित क्रांति: भारतीय कृषि की नवजागरण

सिंचाई पाइप लाइन योजना 2024 अनुदान सब्सिडी आवेदन पत्र, पात्रता की जानकारी राजस्थान सरकार द्वारा Rajasthan Sinchai Pipeline Yojana 2024 बिरानी एवम नहरी क्षेत्र में पानी की बचत व ट्यूबवेल या कुए से खेत तक पानी पहुँचाने में आने वाले पानी की छीजत को रोकने के लिए सिंचाई पाईप लाईन पद्धति को बढ़ावा देने के … Read more

डिग्गी योजना Rajasthan Diggi Anudan yojana

डिग्गी योजना Rajasthan Diggi Anudan yojana डिग्गी योजना राजस्थान सरकार द्वारा संचालित योजनाओं मे प्रमुख है। इस योजना का प्रमुख उछेश्य नहरी क्षेत्रो मे डिग्गी का निर्माण कर सिचांई सुविधा को बढा़वा देना है। राजस्थान सरकार द्वारा अनुदान किसान द्वारा न्यूनतम 4 लाख लीटर भराव क्षमता या उससे अधिक क्षमता की पक्की डिग्गी या प्लास्टिक … Read more

सरसों की फसल में होने वाले रोग, लक्षण और रोकथाम 2025

Diseases in mustard

सरसों की फसल में होने वाले रोग, लक्षण और रोकथाम 2025 सरसों की फ़सल एक तिलहनी फ़सल है।जिसका इस्तेमाल खाद्य तेल बनाने में होता है. सरसों के बीजों में करीब 25 से 50प्रतिशत तेल होता है. सरसों के तेल का इस्तेमाल अनेक प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है. सरसों का तेल एवम रस कफ़ और … Read more

कृषि संकाय मे प्रवेश लेने वाली छात्राओ को मिलेगी 15000 रूपये कि आर्थिक सहायता Girl students taking admission in Agriculture Faculty will get financial assistance of Rs 15000

कृषि संकाय मे प्रवेश लेने वाली छात्राओ को मिलेगी 15000 रूपये कि आर्थिक सहायता

कृषि संकाय मे प्रवेश लेने वाली छात्राओ को मिलेगी 15000 रूपये कि आर्थिक सहायता मुख्य उद्देश्य मुख्य उद्देश्य छात्रों को कृषि संकाय के लिए प्रोत्साहित करना एवं खेती में नवीन तकनीक को का उपयोग करते हुए उत्पादन बढ़ाना है। प्रदेश में नवीन तकनीक से खेती को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार की योजना है … Read more

खेतों की तारबंदी के लिए राजस्थान सरकार की योजना 2024 rajasthan tarbandi yojana

खेतों की तारबंदी के लिए राजस्थान सरकार की योजना

खेतों की तारबंदी के लिए राजस्थान सरकार की योजना 2024

rajasthan tarbandi yojana

राजस्थान सरकार द्वारा नीलगाय एवं आवारा पशुओं से फसलों को होने वाले नुक़सान से बचाने के लिए खेतों की तारबंदी के लिए यह योजना चलायी जाती है जिसमें किसान को 48 हज़ार रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाता है।
इस योजना का प्रमुख उद्देश्य हैं किसान की लागत कम करना एवं खेतों की सुरक्षा को बढ़ाना है। यह एक किसान योजना कल्याणकारी योजना है

rajasthan tarbandi yojana

खेतों की तारबंदी के लिए राजस्थान सरकार की योजना
खेतों की तारबंदी के लिए राजस्थान सरकार की योजना

अनुदान की राशि rajasthan tarbandi yojana

1.लघु एवं सीमान्त कृषकों को लागत का 60 प्रतिशत यहाँ अधिकतम 48,000 रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाता है
2.सामूहिक रूप से 10 या उससे अधिक किसानों द्वारा 5 हेक्टेयर से अधिक की भूमि पर तारबंदी करने पर लागत का 70 प्रतिशत् या अधिकतम 56,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाता है।

पात्रता 

1.सभी श्रेणी के किसान पात्र हैं।
2.आवेदन करने वाले किसान के पास 1.5 हेक्टेयर से ज़्यादा भूमि होना आवश्यक है चाहे वह है व्यक्तिगत रुप से आवेदन करें या समूह में आवेदन करें ।
3.अनुसूचित क्षेत्र के किसान के पास से 0.5 हेक्टेयर भूमि होना आवश्यक है

आवेदन की प्रक्रिया

         किसान भाइयों राज किसान पॉर्टल पर जन आधार के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं या ई मित्र पर आवेदन कर अपने आवेदन की रसीद प्राप्त कर सकते हैं।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज़

        आवेदन के लिए आधार कार्ड,जनाधार की कॉपी एवं जमाबंदी की नक़ल (छह माह से अधिक पुरानी) आवश्यक है।

 आवश्यक जानकारी 

1.जिन किसानों का जनाधार पर लघु एवं सीमांत किसान के लिए पंजीयन हैं उन्हें ही लघु एवं सीमांत किसान माना जाएगा ।इसलिए पहले आवश्यक पंजीयन करवाएं।
2.आवेदन के बाद आवश्यक प्रशासनिक स्वीकृति तारबंदी के लिए लेना आवश्यक है।
3.तारबंदी किए जाने से पह्ले एवं बाद में विभाग द्वारा मौक़ा सत्यापन कारण एवं जियो टैगिंग कर सब्सिडी सीधे किसानों के खाते में ट्रांसफ़र की जाएगी

PM Kisan Yojana 19th Installment: मोबाईल बंद होने के कारण कही रूक न जाये किस्त जल्द हि वेबसाईड पर जाकर करे ये काम

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योजना के बारे मे:-

पीएम किसान सम्मान निधि योजना या प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना)भारत सरकार की एक महत्त्वपूर्ण पहल है, किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष ₹6,000 तक देती है। इस पहल की घोषणा पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को भारत सरकार के केंद्रीय अंतरिम बजट 2019 के दौरान की थी ,जो छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

PM kisan samman yojana
PM kisan samman yojana

 

1.उद्देश्य

  • छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
  • इसके तहत किसानों को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये की राशि तीन समान किस्तों में उनके बैंक खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से दी जाती है।
  • यह राशि उनकी कृषि कार्यों के लिए सहायक हो सकती है, जैसे बीज, उर्वरक, सिंचाई, और अन्य कृषि उपकरणों के लिए
  • इस योजना के अंतर्गत 2 हेक्टेयर तक भूमि वाले किसान ही पात्र होंगे
  • योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करेः- यहा क्लिक करे

योजना का लाभ लेने वालो का गांव वाइज नाम जाने यहा क्लिक करे

2.फरवरी 2025 में आ सकता है पीएम किसान का पैसा

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 18 किस्तें जारी हो चुकी है ।एक मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत 19वीं किस्त का पैसा फरवरी 2025 में जारी होने की संभावना है. यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, जिसमें सालाना 6,000 रुपये तीन समान किस्तों में सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर किए जाते हैं.

PM Kisan Yojana 19th Installment

3.पीएम किसान के खातों की ई-केवाईसी

ऑफलाइन eKYC :-

  • इसके लिए आप अपने न जदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाएं.
  • आधार कार्ड और पंजीकरण संख्या प्रदान करें.
  • केंद्र पर बायोमेट्रिक (फिंगरप्रिंट या आईरिस) के माध्यम से eKYC पूरा किया जाएगा.
  • प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपको पावती (Acknowledgment) दी जाएगी.

ऑनलाइन eKYC:- OTP Based Ekyc :: PMKisan Samman Nidhi

  • इसके लिए आप PM Kisan की आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन करें.
  • होमपेज पर “Farmer Corner” सेक्शन में eKYC का विकल्प मिलेगा, उस पर क्लिक करें.
  • अपना 12 अंकों का आधार नंबर डालें और सर्च बटन पर क्लिक करें.
  • आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को दर्ज करें.
  • सत्यापन सफल होने पर eKYC प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.

मोबाईल नंबर अपडेट करने के लिए क्लिक करे