गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीक, कब और कैसे करें बुवाई

गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीक, कब और कैसे करें बुवाई (Advanced technology of wheat production, when and how to sow)

भारत का विश्व में गेहूं उत्पादन में दूसरा स्थान है। गेंहूं कि फसल रबी कि फसलों मे मुख्य फसल है। भारत मे हरित क्रांति के पश्चात गेहूं उत्पादन मे काफी वृद्धि देखने को मिली। एक समय वर्ष 1964-65 में गेहूं उत्पादन 12.36 मिलियन टन था, वही वर्ष 2023-24 में गेहूं उत्पादन बढ़कर 112 मिलियन टन के शिखर तक पहुंच गया है।

गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीक, कब और कैसे करें बुवाई
गेहूं उत्पादन की उन्नत तकनीक, कब और कैसे करें बुवाई

भारत देश में जिस तरह जनसंख्या वृद्धि हो रही है, उसी तरह अनाज के उत्पादन में भी निरंतर वृद्धि कि आवश्यकता है। गेहूं के उत्पादन मे वृद्धि के लिए भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए उन्नत किस्मो को लाया जा रहा है।

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गेहूं कि अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए जरूरी है, किसी उन्नत किस्म का चयन किया जावें। उन्नत किस्म यह निर्धारित करती है कि उपज कितनी होगी। अच्छी उपज के साथ जरूरी है कि रोगरोधी क्षमता वाली होनी चाहिए।
गेहूं कि उन्नत किस्म का चयन उस क्षेत्र कि मिट्टी के अनुसार ही किया जाना चाहिए। किसानो के लिए जरूरी है, अपने क्षेत्र के हिसाब से किस्म का चयन करे एंव प्रमाणित बीजों का हि उपयोग करे।

गेहूं कि बीजाई का सही समय

किसी भी प्रकार कि खेती के लिए जरूरी है, खेत मे प्राकृतिक खाद का उपयोग करना। प्राकृतिक खाद खेत कि उर्वरक क्षमता बढ़ाने मे व फसल कि उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक है। गेहूँ कि फसल का बीजाई का सही समय अक्टूबर से नवम्बर तक का होता है व 45 से 55 किलोग्राम प्रति बिघा द्वारा बिजांई कि जाती है।

गेहूं कि सिंचाई का सही समय

गेहूँ कि अच्छी फ़सल के लिए 5 से 6 बार सिंचाई कि आवश्यकता होती है। फसल कि सिंचाई मिट्टी का प्रकार व पानी की उपलब्धता पर निर्भर करता है। गेहूं कि फसल 90 से 100 दिन में तैयार हो जाती है। इसके लिए जरूरी है गेहूं कि प्रत्येक सिचांई के मध्य 20 दिन का अंतराल रखना चाहिए।
गेहूँ मे 55 दिन के पश्चात् उर्वरका का उपयोग नही करना चाहिए , क्यू कि जब गेहूं कि अंतिम गांठ का समय होता है व उस समय गेहूं को नाईट्रोजन की आवश्यकता नही होती है।

गेहूं कि कटाई का सही समय

गेहूँ कि कटाई का सही समय तब माना जाता है जब गेहूँ के दाने मे 20 प्रतिशत नमी हो। फसल कि समय से पूर्व कटाई करने पर भंडारन करना संभव नही है, क्यू कि किडो का प्रभाव होना संभव है। किड़ो के प्रभाव से बचने के लिए एल्यूमिनियम फास्फाईड का उपयोग किया जा सकता हैं

 

 

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