गुलाब की खेती। gulab ki kheti। rose farming। पूरी जानकारी।

गुलाब की खेती। gulab ki kheti। rose farming। पूरी जानकारी।

गुलाब के फूलों की खेती ऐसे करें

किसान अब खेती में नवाचार कर धीरे-धीरे फूलों की खेती भी करने लगे हैं. फूलों में सबसे अधिक डिमांड गुलाब के फूलों की है. इस लिये आज किसानों को गुलाब फूल की खेती कैसे करते इस बारे में जानकारी देंगें । गुलाब की खेती करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इस बारे में विस्तार से जानकारी देंगे । भारत में  गुलाब कर्नाटक, तामिलनाडु, महांराष्ट्र, बिहार, पश्चिमी बंगाल, उत्तर प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, जम्मू और कश्मीर, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश मुख्य उत्पादक राज्य हैं।

यह भी पढ़ें:-

गुलाब की खेती: मिट्टी

अच्छे उत्पादन के लिये खुली जगह जहाँ अच्छी धूप रहती हो सबसे उपयुक्त रहती हैं ।बरसात के दिनों में पानी नहीं ठहरना चाहिये । बढ़िया विकास के लिए मिट्टी का pH 6 से 7.5  होना चाहिए।

 गुलाब की खेती। gulab ki kheti। rose farming। पूरी जानकारी।
गुलाब की खेती। gulab ki kheti। rose farming। पूरी जानकारी।

गुलाब की खेती: मिट्टी की तैयारी

खेत को क्यारियों में बाँट लेते है क्यारियों की लम्बाई चौड़ाई 5 मीटर लम्बी 2 मीटर चौड़ी रखते है। दो क्यारियों के बीच में आधा मीटर स्थान छोड़ना चाहिएI क्यारियों को अप्रैल मई में एक मीटर की गुड़ाई एक मीटर की गहराई तक खोदे और 15 से 20 दिन तक खुला छोड़ देना चाहिए, 2 टन रूड़ी की खाद और 2 किलो सुपर फासफेट डालनी चाहिए ।

गुलाब की खेती: जलवायु

गुलाब एक बहुवर्षीय पौधा है ।गुलाब समशीतोष्ण जलवायु का पौधा है। इसके लिए बहुत गर्म या ठंडी जलवायु की आवश्यकता नहीं होती है।

यह भी पढ़ें:-

गुलाब की खेती: अच्छी किस्मे

1.हाईब्रिड टीज वर्ग
2.फ्लोरीबंडा वर्ग
3.ग्रेन्डीफ्लोरा
4.पॉलिएन्था
4.मिनिएचर वर्ग
5.लता वर्ग

गुलाब की खेती: बीजाई कैसे करें

उत्तरी भारत में बिजाई का सही समय अक्तूबर है। रोपाई के बाद पौधे को छांव में रखें और अगर बहुत ज्यादा धुप होने पर पौधे पर पानी का छिड़काव करें| दोपहर के बाद वाले समय बोया गया गुलाब बढ़िया उगता है|

1 .फासला
बैड पर 35सैं.मी. चौड़े और 30 सैं.मी. गहरे गड्ढे खोद कर 80सैं.मी. के फासले पर पौधों की बिजाई करें| दो पौधों के बीच में फासला कितना होना चाहिए यह गुलाब की किस्म पर निर्भर करता है।

2.बीज की गहराई
बीजों को 2-3 सैं.मी. से अधिक गहराई में ना बोयें|

॰गुलाब की फसल का का प्रजनन काटी गई जड़ों और बडिंग द्वारा किया जाता है। उत्तरी भारत में दिसंबर-फरवरी महीने का समय टी-बडिंग के लिए उचित होता है।

गुलाब की खेती:सिंचाई कैसे करें

सिंचाई तकनीक जैसे ड्रिप सिंचाई गुलाब की खेती के लिए लाभदायक होती है। फव्वारा सिंचाई से परहेज करें क्योंकि इससे पत्तों को लगने वाली बीमारियां बढ़ने का खतरा ज़्यादा होता हैं।

गुलाब की खेती:फूलों की कटाई

जब फूल की चमकीले रंग की पंखुड़ियां खिल जाती हैं. तो पहले वर्ष में गुलाब के पौधे फूलने के लिए तैयार होते हैं और दूसरे वर्ष में आपको इस गुलाब के फूलों से ज़्यादा उपज प्राप्त होगी. गुलाब के पौधे में मार्च अप्रैल में 45 दिनों की छंटाई के बाद फूल आने लगते हैं. आमतौर पर गुलाब के फूल पौधे पर 40 दिन तक रह सकते हैं. कटाई के बाद गुलाब के फूलों को तुरंत ठंडे स्थान में डाल दिया जाता है.कोल्ड स्टोरेज में गुलाब के फूलों को 2 से 4 डिग्री सेल्सियस तापमान पर रखा जाता है.

गुलाब की खेती:मुनाफ़ा कैसे कमाया जाए

बाजारों में गुलाब की बढ़ती हुई डिमांड को देखते हुए आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कैसे और कब गुलाब को बाजार में बेहतर दाम मिलेगा. ऐसे में आपको फूल ट्रांसपोर्टेशन रात के समय ही करें ताकि बॉक्स में रखा हुआ गुलाब ताजा रहे. वहीं बाजारों में अमूमन गुलाब का एक गुच्छा 120-150 रुपये के बीच बिकता है, लेकिन शादी,त्यौहार और वैलेंटाइन वीक में गुलाब के फूलों का गुच्छा 280-300 रुपये के बीच बिक जाता है.

गुलाब की खेती। gulab ki kheti। rose farming। पूरी जानकारी।

1 thought on “गुलाब की खेती। gulab ki kheti। rose farming। पूरी जानकारी।”

Leave a Comment